रुद्राक्ष का अर्थ है - रूद्र का अक्ष, माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है. रुद्राक्ष को प्राचीन काल से आभूषण के रूप में, सुरक्षा के लिए, ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। कुल मिलाकर मुख्य रूप से सत्तरह प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं,…
अष्टधातु मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालता है। अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है। धीरे-धीरे सम्पन्नता में वृद्धि होती है। व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु का कड़ा या लॉकेट में लाजवर्त धारण करें। यह एक बहुत प्रभावशाली उपाय है, सोया भाग्य जगा देता है।…
इस माला का उपयोग विशेष रूप से माँ बगलामुखी और बृहस्पति के मंत्र के जंप के लिए किया जाता है। माँ बगलामुखी हल्दी माला शांति, खुशी, लोकप्रियता, शक्ति, अधिकार, धन, समृद्धि और सफलता के साथ पूजा करने वाले को आशीर्वाद देती है। हल्दी माला का उपयोग आपके शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, मुकदमेबाजी का…
माँ बगलामुखी का यह कवच जातक के भीतर से सभी तरह के भय का अंत करता है। तंत्र-मंत्र, जादू-टोना आदि तांत्रिक क्रियाएं जातक के जीवन को प्रभावित नहीं कर पाती है। घर,व्यापार और कार्यस्थल पर मौजूद नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। देवी बगलामुखी के आशीर्वाद से शत्रुओं और प्रतिद्वंदियों पर विजय प्राप्त होती है। कोर्ट-केस और क़ानूनी मामलों में जीत…
प्राचीन समय से तांबे एवं पीतल की अंगूठी पहनने की परंपरा चली आ रही है। ज्योतिष शास्त्र में तांबे पीतल की अंगूठी को पहनना काफी शुभ माना जाता है। तांबे की अंगूठी पहनने से सेहत को कई तरह के फायदे भी मिलते हैं। तांबे को सूर्य और मंगल ग्रह का धातु माना जाता है।
श्रीयंत्र की उपासना मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष सब कुछ प्रदान करती है। इसके बाद मनुष्य के जीवन में कोई और सुख बचा नहीं रहता है। श्रीयंत्र की साधना से मनुष्य को अष्ट सिद्धि व नौ निधियों की प्राप्ति होती है। श्री यंत्र की साधना से आर्थिक उन्नति होती है और व्यापार में सफलता मिलती है।