धन धान्य की देवी माता लक्ष्मी को आज के दौर में हर कोई सबसे पहले प्रसन्न कर आशीर्वाद पाना चाहता है। कारण भी साफ है कि वर्तमान में धन की संसार में जो स्थिति है वह अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। जीवन यापन तो क्या अब तो सम्मान भी व्यक्ति के धन को देखकर ही किया जाता है। और यह स्थिति केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की है, तभी तो आज के दौर में जिस देश की जैसी अर्थव्यवस्था होती है, उसे उतना ही शक्तिशाली माना जाता है।
वहीं दूसरी ओर दुनिया में ऐसे तमाम लोग भी हैं जो पूरी शिद्दत से मेहनत तो करते हैं, लेकिन उन्हें उनकी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता। ऐसे में सनातन धर्म में समस्त धन धाान्य की एक देवी की पूजा का विधान है। जिन्हें देवी लक्ष्मी कहा जाता है। हिंदुओं में सप्ताह का हर दिन देवताओं को समर्पित होता है।
इसमें शुक्रवार का दिन धन धान्य की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है, इस दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा पाठ हवन अनुष्ठान सतचंडी श्री सूक्त कनकधारा स्तोत्र पाठ पूजन किए जाते हैं।